सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव की माफी को कठोरता से खारिज कर अदालत की अवमानना का मामला दायर करने का आदेश दिया | Supreme Court harshly rejected the apology of Bala Ramdev and ordered a contempt of court case to be filed
सुप्रीम कोर्ट में पतंजली कंपनी द्वारा भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई की गई। जिसमें बाबा रामदेव व आचार्य बाकृष्ण भी उपस्थित हुए। न्यायमूर्ति द्वारा दोनों का हलफनामा मांगा गया जिसके जबाव में बाबा रामदेव ने मांफी। लेकिन न्यायमूर्ति को कठोरता से नामंजूर कर दिया गया।
क्या है मामलाः-
दरअसल आई एम ए द्वारा याचिका दायर की गई जिसमें बताया गया कि पतंजली कंपनी द्वारा भ्रामक विज्ञापन करके ऐलोपेथी की उपेक्षा की गई है। नवम्बर महीने में सुप्रीम कोर्ट भ्रामक विज्ञापन न करने बारे आदेश किये थे। परन्तु पतंजली द्वारा कोर्ट की अवहेलना की गई। इस बारे सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव के साथ-साथ केन्द्र सरकार को भी फटकार लगाई क्योंकि केन्द्र सरकार के सामने यह सब कुछ हो रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपनी भ्रामक गतिविधियों में पतंजलि के साथ मिली हुई है!
न्यायमूर्तियों ने कहा कि रामदेव और बालाकृष्णन ने 140 करोड़ भारतीयों के स्वास्थ्य के खिलाफ आपराधिक साजिश की है। पतंजलि ने दावा किया था कि कोरोनिल और स्वसारी से कोरोना का इलाज किया जा सकता है. जिस पर आयुष विभाग द्वारा कंपनी को फटकार भी लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दायर करने का आदेश दिया है। इस मामले में आगामी तारीख 10 अप्रैल तय की गई है।
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