CAA और NRC दोनों ही भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
सीएए: CAA (Citizenship Amendment Act) भारतीय नागरिकता कानून है जो 2019 में पारित किया गया था। यह कानून हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मियों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आक्रमण के बाद भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए विशेष प्रावधान करता है।
एनआरसी: NRC (National Register of Citizens) एक रिकार्ड है जिसमें भारतीय नागरिकों की सूची होती है। यह असम राज्य में 1951 के बाद से निवास कर रहे लोगों की पहचान करने के लिए बनाया गया था।
सीएए और एनआरसी दोनों ही विवादित मुद्दे हैं। एनआरसी का उद्देश्य भारत में अवैध अवासीयों को पहचानना और नागरिकता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए है।
सामान्यत: सीएए को 2019 में पारित किया गया था, अभी तक, बाकी भारत में इसे लागू नहीं किया गया है और इसकी तारीख का कोई निर्धारण नहीं हुआ है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ ही दिनों के अन्दर यह कानून लागू कर दिया जायेगा।
लोंगो द्वारा विरोध: जब यह बिल लोकसभा द्वारा पास किया गया था तब इसका विरोध कुछ लोगों के द्वारा भारतीय संविधान की धारा 14 के अनुसार समानता और अधिकारों के खिलाफ देखा जा रहा था। अब जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं तो इसका असर राजनीति पर भी देखने को मिल सकता है।